दर्शन
दर्शन शब्द का अर्थ है ‘देखना’ या ‘दृष्टि’, लेकिन भारतीय संदर्भ में इसका अर्थ बहुत व्यापक और गहन है। भारतीय दर्शन मुख्य रूप से आत्मा, परमात्मा, प्रकृति, और उनके परस्पर संबंधों की खोज और समझ पर आधारित है। भारतीय दर्शन के विभिन्न स्कूल या संप्रदाय हैं, जैसे कि वेदांत, सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और बौद्ध दर्शन।
प्रमुख भारतीय दर्शन:
वेदांत: वेदांत का अर्थ है ‘वेदों का अंत’। यह दर्शन उपनिषदों पर आधारित है और इसमें ब्रह्म, आत्मा, और मोक्ष की अवधारणा महत्वपूर्ण है।
सांख्य: यह एक द्वैतवादी दर्शन है जो प्रकृति (प्रकृति) और आत्मा (पुरुष) के बीच के संबंध पर ध्यान केंद्रित करता है।
योग: यह दर्शन सांख्य दर्शन से जुड़ा हुआ है और ध्यान, प्राणायाम, और आसनों के माध्यम से आत्म-साक्षात्कार पर बल देता है।
न्याय: यह दर्शन तर्कशास्त्र और प्रमाणों पर आधारित है। इसमें ज्ञान प्राप्ति के विभिन्न साधनों पर जोर दिया गया है।
वैशेषिक: यह दर्शन पदार्थों और उनके गुणों के अध्ययन पर केंद्रित है। इसमें तत्वमीमांसा और तर्कशास्त्र महत्वपूर्ण हैं।
मीमांसा: यह वेदों के कर्मकांड और अनुष्ठानों की व्याख्या और पालन पर आधारित है। इसे पूर्व मीमांसा भी कहा जाता है।
बौद्ध दर्शन: गौतम बुद्ध द्वारा प्रतिपादित यह दर्शन दुख, उसकी उत्पत्ति, निरोध और मार्ग (आष्टांगिक मार्ग) की अवधारणा पर आधारित है।
इन विभिन्न दार्शनिक धाराओं का अध्ययन और अनुष्ठान भारतीय संस्कृति और समाज को गहराई से प्रभावित करता है। दर्शन के माध्यम से मनुष्य आत्मा और ब्रह्मांड के संबंध को समझने का प्रयास करता है, जो आत्मा की शांति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है।