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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)भारत सरकार द्वारा संचालित एक मातृत्व लाभ योजना है, जिसे 1 जनवरी 2017 को शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपनी और अपने बच्चे की उचित देखभाल कर सकें। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है।

उद्देश्य:
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को पोषण की दृष्टि से पर्याप्त सहायता देना है। साथ ही, यह योजना महिलाओं को कार्यस्थल पर जाने की बाध्यता से मुक्त कर, उन्हें विश्राम का अवसर देने और शिशु के स्वास्थ्य की रक्षा करने की दिशा में सहायक बनती है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY)

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) लाभार्थी:

इस योजना का लाभ उन महिलाओं को मिलता है:

  • जो पहली बार गर्भवती हुई हैं।
  • जिनकी उम्र 19 वर्ष या उससे अधिक है।
  • जो केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य मातृत्व लाभ योजना से लाभ नहीं ले रही हैं (कुछ अपवाद छोड़कर)।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) आर्थिक सहायता:

PMMVY के तहत लाभार्थी महिला को कुल ₹5,000 की आर्थिक सहायता तीन किस्तों में प्रदान की जाती है:

  1. पहली किस्त (₹1,000): गर्भावस्था के पंजीकरण पर (LMP के 150 दिन के अंदर)।
  2. दूसरी किस्त (₹2,000): गर्भावस्था की कम से कम एक प्रसवपूर्व जांच के बाद (180 दिन पूरे होने पर)।
  3. तीसरी किस्त (₹2,000): बच्चे के जन्म के बाद पहला टीकाकरण (BCG, OPV, DPT) पूरा होने पर।

योजना का क्रियान्वयन:
यह योजना राष्ट्रीय स्तर पर लागू है और इसके लाभों को प्राप्त करने के लिए लाभार्थी को “आंगनवाड़ी केंद्र” या “स्वास्थ्य केंद्र” पर पंजीकरण कराना होता है। आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों रूपों में उपलब्ध है।

महत्वपूर्ण दस्तावेज:

  • आधार कार्ड
  • गर्भावस्था प्रमाणपत्र
  • बैंक खाता विवरण
  • मोबाइल नंबर
  • पहचान पत्र व पते का प्रमाण

योजना के लाभ:

  • मातृत्व के दौरान पौष्टिक आहार लेने में आर्थिक सहायता
  • मातृ और शिशु मृत्यु दर को घटाने में सहायता
  • महिलाओं को कार्य से कुछ समय के लिए विराम देने की सुविधा
  • गर्भावस्था व शिशु स्वास्थ्य की बेहतर निगरानी

निष्कर्ष:
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना एक अत्यंत उपयोगी योजना है, जो न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है बल्कि नवजात शिशु के जीवन की गुणवत्ता को भी सुधारती है। इससे मातृत्व को सुरक्षित बनाने की दिशा में भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार और सही क्रियान्वयन देश के सामाजिक और स्वास्थ्य सुधारों में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

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